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ITC में अपनी हिस्सेदारी कम नहीं करेगी सरकार, 6 साल पहले आखिरी बार बेचे थे शेयर

एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी आईटीसी में सरकार अपनी अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी नहीं बेचेगी। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने आज मनीकंट्रोल को बताया कि सरकार की अपनी हिस्सेदारी को बेचने की कोई योजना नहीं है। सरकार के पास यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के स्पेशिफाइड अंडरटेकिंग (SUUTI) के जरिए आईटीसी की हिस्सेदारी है.



सरकार के पास आईटीसी के 94.45 करोड़ शेयर हैं जो इसकी 7.86 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। यह हिस्सेदारी सरकार के पास यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के स्पेशिफाइड अंडरटेकिंग (SUUTI) के जरिए है।

एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी आईटीसी में सरकार अपनी अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी नहीं बेचेगी। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने आज मनीकंट्रोल को बताया कि सरकार की अपनी हिस्सेदारी को बेचने की कोई योजना नहीं है। सरकार के पास आईटीसी के 94.45 करोड़ शेर हैं जो इसकी 7.86 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। यह हिस्सेदारी सरकार के पास यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के स्पेशिफाइड अंडरटेकिंग (SUUTI) के जरिए है। दिसंबर 2022 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक इसमें एलआईसी की 15.3 फीसदी और घरेलू म्यूचुअल फंडों की 9.66 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके शेयरों की बात करें तो फिलहाल यह 2.30 फीसदी के उछाल के साथ 382.70 रुपये के भाव (ITC Share Price) पर ट्रेड हो रहा है।

DIPAM सचिव को क्यों देनी पड़ी सफाई

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वित्त वर्ष 2023 के विनिवेश लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सरकार आईटीसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। इस पर दीपम सचिव ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है और सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। वित्त वर्ष 2023 के लिए बजट में सरकार ने 65000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा था जिसे अब 50 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। अगले वित्त वर्ष 2024 में 51 हजार करोड़ रुपये विनिवेश के जरिए जुटाने का लक्ष्य है।

SUUTI ने छह साल पहले बेचे थे ITC के शेयर

सरकार ने आईटीसी में अपनी अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी करीब छह साल पहले फरवरी 2017 में कम की थी। उस समय सरकार ने 291.95 रुपये के भाव पर करीब 2 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर शेयरों की बिक्री की थी। इसके जरिए सरकार ने 6700 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसके बाद से आईटीसी के शेयरों की सरकार ने बिक्री नहीं की थी। आईटीसी एफएमसीजी, होटल्स, सॉफ्टवेयर, पैकेजिंग, पेपरबोर्ड्स, स्पेशियलटी पेपर्स और एग्रीबिजनेस सेक्टर में है।





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